शुक्रवार, 30 मार्च 2012

नशीली रात आई है

सजोले चाँद को लेकर, नशीली रात आई है|
नशीली रात आई है|

बरसती चाँदनी चमचम, थिरकती रागिनी छम छम,
लहरती रूप की बिजली, रजत बरसात आई है|
नशीली रात आई है|

जले मधु रूप की बाती, दुल्हनियाँ रूप मदमाती,
मिलान के मधुर सपनों  की, सजी बरात आई है|
नशीली रात आई है|

सजी हैं दूधिया राहें, जगी उन्मादनी चाहें,
रही जो अब तलक मन में, लबों पर बात आई है|
नशीली रात आई है|


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