वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सका
वह चंदन भी क्या चंदन है, जो अपना वन महका ना सका
जिसकी धरती पर जन्म लिया, जिसके समीर से साँस चली
जिसके अमृत से प्यास बुझी, जिसकी माटी में देह पली
वह क्या सपूत जो जन्मभूमि के, प्रति कर्तव्य निभा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
मुनिवर दधिची हो गए अमर, जिनकी हड्डियों से वज्र बना
संकट समाज का दूर किया, देकर पावन शरीर अपना
वह मानव क्या समाज हित में, जो प्राण प्रसून चढ़ा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
ऐसे महान चाणक्य जिन्होंने, चंद्रगुप्त का सृजन किया
अन्याई राजा को रोंधा, यूनानी शत्रु दमन किया
वह नाविक क्या जो तूफ़नो में, नौका पार लगा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
राणा का जीवन जीवन था, जिसने महलों को छोड़ दिया
रोटियाँ घाँस की खावन में, आज़ादी का संघर्ष किया
वह देश प्रेम क्या देश प्रेम, जो कंटक पथ अपना ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
राणा के पास नहीं पैसा, पैसे के बिना नहीं सेना
तब भामाशाह बढ़ा आगे, लेकर रूपया पैसा गहना
वह धन क्या अवसर आने पर जो, त्याग भाव दिखला ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
वह जीवन...
वह चंदन...
English Translation
What life is that life, which couldn't be useful its country
What sandalwood is that sandalwood, which couldn't even make its forest fragrant
On whose land you were born, whose air you breathed
Whose nectar your drunk, whose soil your body played in
What son is that who couldn't fulfil his duties towards his motherland
Sage Dadhichi is immortal, whose bones were made into weapon
Who averted humanity's problem, by sacrificing his own own body
What man is that who cannot put down his life for benefit of humanity
Chanakya was great, for he raised Chandragupta
to fight with cruel king, and chased away greek enemy
What boatman is that who cannot sail his boat to coast during storms
What a life King Maharana Pratap's had, after leaving his palace
Even after eating roti of grass, he fought for his freedom
What patriotism is that which cannot choose path of hardship
Maharana didn't have money, and without money, couldn't have army
Then Bhamashah came up with all his wealth and jewellery
What money is that when needed couldn't be donated
वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सका
जवाब देंहटाएंवह चंदन भी क्या चंदन है, जो अपना वन महका ना सका
जिसकी धरती पर जन्म लिया, जिसके समीर से साँस चली
जिसके अमृत से प्यास बुझी, जिसकी माटी में देह पली
वह क्या सपूत जो जन्मभूमि के, प्रति कर्तव्य निभा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
मुनिवर दधिची हो गए अमर, जिनकी हड्डियों से वज्र बना
संकट समाज का दूर किया, देकर पावन शरीर अपना
वह मानव क्या समाज हित में, प्राण प्रसून चढ़ा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
ऐसे महान चाणक्य जिन्होंने, चंद्रगुप्त का सृजन किया
अन्याई राजा को रोंधा, यूनानी शत्रु दमन किया
वह नाविक क्या जो तूफ़नो में, नौका पार लगा ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
राणा का जीवन जीवन था, जिसने महलों को छोड़ दिया
रोटियाँ घाँस की खावन में, आज़ादी का संघर्ष किया
वह देश प्रेम क्या देश प्रेम, जो कंटक पथ अपना ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
राणा के पास नहीं पैसा, पैसे के बिना नहीं सेना
तब भामाशाह बढ़ा आगे, लेकर रूपया पैसा गहना
वह धन क्या अवसर आने पर जो, त्याग भाव दिखला ना सका
वह जीवन...
वह चंदन...
वह जीवन...
वह चंदन...
हो सके तो सही कर दे ज्यादा सुन्दर लगेगा
धन्यवाद
Must
हटाएंMust
हटाएंधन्यवाद हमे गीत उपलब्ध करवानेके लिये
जवाब देंहटाएंरितेश धाकड़
ये गीत आज भी रोगटे खड़े कर देता है।
जवाब देंहटाएंअति सुंदर
जवाब देंहटाएंmast git ha sir
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंSabse accha geet h
जवाब देंहटाएंSundar _ MAHENDRA SAYARA UDAIPUR _ RAJASTHAN
जवाब देंहटाएंBHAI
हटाएं3333333322222228864
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंAadarsh vidhya Mandir k sunahare palon ko ek baar fir se yaad dilane k liye shukriya!
जवाब देंहटाएंTx Ji💕🙏
जवाब देंहटाएंPlezz esee ho geet share krte rhe
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंIska arth bataiye poem
जवाब देंहटाएंka
अति सुंदर
जवाब देंहटाएंNice pic
जवाब देंहटाएंसुन्दर सुन्दर सुन्दर भाई
जवाब देंहटाएंअति सुंदर भाई साहब
जवाब देंहटाएंअति सुंदर भाई साहब
जवाब देंहटाएं