शुक्रवार, 30 मार्च 2012

तुम कितनी सुंदर लगती हो

तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास!
ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सुने खंडहर के आसपास
मदभरी चांदनी जगती हो!

मुख पर ढँक लेती हो आंचल
ज्यों डूब रहे रवि पर बदल,
या दिन भर उड़ कर थकी किरण,
सो जाती हो पांखे समेट, आंचल में आलास उदासी बन!
दो भूले-भटके सांध्य-विहग, पुतली में कर लेते निवास!
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास!

खरे ऑंसू से धुले गाल
रूखे हलके अधखुले बाल,
बालों में अजब सुनहरापन,
झरती ज्यों रेशम की किरने, संझा की बदरी से छन-छन!
मिसरी के होठों पर सुखी किन अरमानों की विकल प्यास!
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास!

भंवरों की पातें उतर उतर
कानों में झुक कर गुनगुनकर
है पूछ रही - "क्या बात सखीं?
उन्मन पलकों की कोरो में क्यों दबी ढंकी बरसात सखी?
चम्पई वक्ष को छूकर क्यों उड़ जाती केसर की उंसास?"
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सुने खंडहर के आसपास
मदभरी चांदनी जगती हो!




English Translation

How beautiful you look, when you are wistful!
As if in a romantic pink world, moonlight shines down a dilapidated building!

You cover your face as if Sun is covered by clouds,
Or, as if ray of light tired from travelling whole day, sleeps in your caress, folding its wings!
As if two birds of evening, tired and lost, take shelter in tree!
How beautiful you look, when you are wistful!

Your faces washed with salty tears,
Partially open, strewn, hairs,
Hairs shining with mysterious golden glow, as if evening Sun's light is falling through clouds!
What desires are waiting on your dried but sweet lips?
How beautiful you look, when you are wistful!

Group of black-bees, coming near your ears, ask, "what's up sister?"
Why are holding torrents of rain under your eyelids?
Why does intoxicating wind goes away touching your breasts?
Oh, How beautiful you look!
As if in a romantic pink world, moonlight shines down a dilapidated building!

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