नशीली रात आई है|
बरसती चाँदनी चमचम, थिरकती रागिनी छम छम,
लहरती रूप की बिजली, रजत बरसात आई है|
नशीली रात आई है|
जले मधु रूप की बाती, दुल्हनियाँ रूप मदमाती,
मिलान के मधुर सपनों की, सजी बरात आई है|
नशीली रात आई है|
सजी हैं दूधिया राहें, जगी उन्मादनी चाहें,
रही जो अब तलक मन में, लबों पर बात आई है|
नशीली रात आई है|
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